ऊह तोह नहीं था की हमने नहीं बदली करवाते,
पर आज जो बदली करवटे तोह लगा की बदली है ज़िन्दगी.
ऊह तोह नहीं था किसके आने का इंतज़ार
नहीं था किसीके जाने का गम
पूछा जो मैंने यह क्या हुआ है मुझे
चुपके से आई एक गूंज
उस गूंज की गुन्नाहत से होती है हलचल
जब कहती हैं धुंद सको तोह धुंद लो अपने आप को
हैं बेकाबू यह जिया
क्या धुंद लेगी यह नज़रें अपने आप को?
पर आज जो बदली करवटे तोह लगा की बदली है ज़िन्दगी.
ऊह तोह नहीं था किसके आने का इंतज़ार
नहीं था किसीके जाने का गम
पूछा जो मैंने यह क्या हुआ है मुझे
चुपके से आई एक गूंज
उस गूंज की गुन्नाहत से होती है हलचल
जब कहती हैं धुंद सको तोह धुंद लो अपने आप को
हैं बेकाबू यह जिया
क्या धुंद लेगी यह नज़रें अपने आप को?
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