भीगी सी मैं और भीगी सी मेरी नाव,
अक्सर यह बात करते हैं
की हैं एक जैसे हम!
मैंने तुझे बनाया,
और मुझे किसी और ने
हमें मिटना तोह हैं, एक जैसे!!
फिर चाहैं, आज मैं तुझे बहते हुए देखू
या कल तू मुझे बहते हुए देखे
एक दिन बेहना ही तोह हैं!!
हैं एक जैसे हम !
फिर किसी एक शाम को,
मिलेंगे ऐसी ही,
मिलेंगे ऐसी ही,
थोड़ी भीगी सी होगी तू और थोड़ी भीगी सी मैं!!
हैं एक जैसे हम !
हैं एक जैसे हम !
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