09 June, 2015

Bheegi si, Behti si

भीगी सी मैं और भीगी सी  मेरी नाव,
अक्सर यह बात करते हैं 
 की हैं एक जैसे हम!

मैंने तुझे बनाया,
और मुझे किसी और ने 
हमें मिटना तोह हैं, एक जैसे!!

फिर चाहैं,  आज मैं तुझे बहते हुए देखू
या कल तू मुझे बहते हुए  देखे
एक दिन बेहना ही तोह हैं!!
हैं एक जैसे हम !


फिर किसी एक शाम को,
मिलेंगे ऐसी ही,
थोड़ी भीगी सी होगी तू  और थोड़ी भीगी सी मैं!!
हैं एक जैसे हम !



                                       

No comments:

Post a Comment

Your 1cents will be minted on my hall of fame, so go ahead and mark your place.

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...