21 September, 2015

Kabhi Socha Hain Tumne?

View from flight
आसमान में उड़ने की,
बादलो को छूने की,
चाह तोह सब रखते हैं !
लेकिन कभी सोचा हैं की,
यह आसमान में छाने वाले बादल क्या चाहते हैं ?


भीड़ में कोई गलती से ठोकर मरके जाता हैं 
तोह चिल्लाने लगते हैं , बात हाथापाई पे भी आ जाती हैं!
लेकिन कभी सोचा हैं की 
जब वायुयान में रहके इन् बादलो को चीरते हुए जाते हो 
तोह इन्हें कितना दर्द होता होगा ?

जल्दबाज़ी में कहीं बार चीज़ें गिरा देते हैं,
तब समय की नज़ाकत को दोष देके भूल जाते हैं!
गहने बादल कभी ज्यादा बरस जाते हैं 
तोह कोसने लगते हैं !!
लेकिन कभी सोचा हैं की ,
इन्हें भी कहीं जाने की,  किसी को मिलने की जल्दबाज़ी हो सकती हैं ? 

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